नशे में धुत शिक्षक ने बच्चों को स्कूल से निकाला, वीडियो वायरल होने पर हड़कंप

बकस्वाहा विकासखंड के अंतर्गत आने वाली नवीन प्राथमिक शाला मजरा टोला (पाली) से शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। यहाँ पदस्थ शिक्षक भगुंता अहिरवार का नशे की हालत में स्कूल आने और छात्रों के साथ अभद्रता करने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।

मुख्य घटनाक्रम

वायरल वीडियो और ग्रामीणों के अनुसार, शिक्षक भगुंता अहिरवार नशे में धुत होकर स्कूल पहुँचे। उन्होंने न केवल शिक्षा के मंदिर की मर्यादा तोड़ी, बल्कि मासूम बच्चों का कॉलर पकड़कर उन्हें क्लास से बाहर फेंक दिया। इस घटना ने ग्रामीणों और पालकों में भारी रोष पैदा कर दिया है।

ग्रामीणों और छात्रों की आपबीती

1. ग्रामीणों का आरोप: स्कूल बना मयखाना

गाँव के निवासी महेश यादव ने बताया कि शिक्षक की यह हरकत नई नहीं है।

  • नियमित नशा: शिक्षक अक्सर नशे की हालत में ही स्कूल आते हैं।

  • स्कूल में शराब: ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षक कई बार स्कूल परिसर के अंदर ही शराब पीते हैं।

  • सुरक्षा का डर: महेश यादव ने चिंता जताते हुए कहा, "हमारी बेटियां भी इसी स्कूल में पढ़ती हैं, ऐसे में हमें उनके स्कूल जाने पर डर लगता है। सरकार ऐसे नशेड़ी शिक्षकों को क्यों भेजती है, यह समझ से परे है।"

2. बच्चों का दर्द: "मासाब मारते हैं"

स्कूल के छात्र विजय यादव और छात्रा रानी ने अपनी आपबीती सुनाई:

  • "मासाब (शिक्षक) नशे में आते हैं और हमें दोपहर 1 बजे ही स्कूल से बाहर निकालकर खुद चले जाते हैं।"

  • "कई बार वो स्कूल में ही शराब लाते हैं और पीते हैं।"

  • "नशे में होने पर वो हमें मारते भी हैं, इसलिए हमें स्कूल आने से डर लगता है।"

अधिकारियों की जाँच और कार्रवाई

वीडियो वायरल होने के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) और ब्लॉक रिसोर्स कोर्डिनेटर (BRC) की टीम ने मौके पर जाकर जाँच की। जाँच में वीडियो में दिखाई गई घटनाएँ और ग्रामीणों की शिकायतें सही पाई गईं।

आदतन अपराधी हैं शिक्षक

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि शिक्षक भगुंता अहिरवार का यह पहला अपराध नहीं है:

  • पूर्व निलंबन: मार्च माह में नीति आयोग की टीम के निरीक्षण के दौरान भी वे नशे में पाए गए थे और असभ्य व्यवहार के चलते उन्हें तत्काल निलंबित किया गया था।

  • बहाली के बाद भी नहीं सुधरे: अक्टूबर में बहाली के बाद उन्हें प्राथमिक शाला पाली भेजा गया था, लेकिन उनकी नशे की लत और व्यवहार में कोई सुधार नहीं हुआ।

जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) का कड़ा रुख

जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) अरुण शंकर पांडे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

डीईओ का बयान: "शिक्षक के नशे में स्कूल आने की शिकायत सही पाई गई है। यह घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता है। उनके खिलाफ सेवा से बर्खास्त (Dismissal) करने की कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।"

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